सोर्स- सोशल मीडिया
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इस बिल के ड्राफ्ट में विवाह का रजिस्ट्रेशन, न्यायिक प्रक्रिया से तलाक समेत मुद्दों को शामिल किया है।
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1- विवाह की उम्र- पुरुष 21 और स्त्री- 18 साल की हो. विवाह का पंजीकरण धारा 6 के अंतर्गत रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा. पंजीकरण नहीं होने पर 20 हजार रुपये का जुर्माना
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शादी के एक साल तक तलाक के लिए कोई भी पुरुष या महिला कोर्ट में तबतक नहीं जा सकेगा।
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विवाह चाहे किसी भी धर्म में हो, तलाक केवल न्यायिक प्रक्रिया के तहत होगा।
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पुनर्विवाह करने का अधिकार तभी मिलेगा, जब कोर्ट तलाक पर निर्णय दें। उस आदेश के खिलाफ अपील का कोई अधिकार नहीं रह गया हो।
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पुनर्विवाह करने का अधिकार तभी मिलेगा, जब कोर्ट तलाक पर निर्णय दें। उस आदेश के खिलाफ अपील का कोई अधिकार नहीं रह गया हो।
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कानून के खिलाफ विवाह करने पर 6 महीने की जेल और 50 हजार का जुर्माना। नियमों के खिलाफ तलाक लेने में तीन साल तक का कारावास का प्रावधान है।
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पुरुष या महिला तभी दूसरा विवाह कर सकते है, जबतक दोनों पार्टनर में से कोई एक जीवित न हो।
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पुरुष या महिला शादी के बाद किसी अन्य से शारीरिक संबंध बनाना, तलाक का आधार होगा।
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नपुंसकता या जानबूझकर बदला लेने के लिए विवाह, तलाक के लिए कोई भी कोर्ट जा सकते हैं।
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नपुंसकता या जानबूझकर बदला लेने के लिए विवाह, तलाक के लिए कोई भी कोर्ट जा सकते हैं।
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अगर महिला या पुरुष में से कोई भी धर्मपरिवर्तन करता है तो इसे तलाक की अर्जी का आधार बनाया जा सकता है.
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संपत्ति को लेकर महिला और पुरुषों के बीच बराबर अधिकार होगा। इसमें किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा.
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समान नागरिक संहिता का अर्थ है, किसी भी धर्म, जाति, सम्प्रदाय के लोगों के लिए एक समान कानून व्यवस्था।
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